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बच्चों को बोसा देना और उनसे स्नेह और दया करना।
बच्चों को बोसा देना और उनसे स्नेह और दया करना।
आइशा- रज़ियल्लाहु अन्हा- कहती हैं कि देहात के रहने वाले कुछ लोग अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पास आए और पूछाः क्या आप अपने बच्चों को बोसा देते हैं? आपने कहाः हाँ! उन लोगों ने कहाः लेकिन अल्लाह की क़सम! हम बोसा नहीं देंगे। इसपर अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः यदि अल्लाह ने तुम्हारे दिलों से दया को निकाल दिया है तो मैं क्या कर सकता हूँ?
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की कृपा