मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को एक जंगली गधा भेंट किया

मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को एक जंगली गधा भेंट किया

साब बिन जस्सामा (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को एक जंगली गधा भेंट किया, तो मुझे वापस कर दिया। लेकिन जब मेरे चेहरे पर ग़म के निशान देखे, तो फ़रमाया : "हमने इसे केवल इसलिए तुम्हें वापस किया है, क्योंकि हम एहराम की अवस्था में हैं।"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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हिबा तथा अतिय्या (दान), एहराम की अवस्था में वर्जित कार्य