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1- एक व्यक्ति अरफ़ा में ठहरा हुआ था कि अचानक अपने ऊँट से गिर पड़ा और उस की गरदन टूट गई। अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने कहाः "इसे पानी और बेर के पत्तों से स्नान कराओ और उसे उसीके दो कपड़ों का कफ़न पहना दो। उसे न खुशबू लगाओ और न उसका सिर ढाँपो। क्योंकि उसे क़यामत के दिन इस हाल में उठाया जाएगा कि वह 'तलबिया' कह रहा होगा।"
2- मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को अरफ़ात में प्रवचन देने के दौरान (एहराम वाले व्यक्ति के बारे में) कहते हुए सुनाः जो जूता न पाए, वह मोज़ा पहन ले और जो तहबंद न पाए, वह पाज़ामा पहन ले।
3- न कमीज पहने, न साफ़े बाँधे, न पाजामे पहने, न सरपोश वाला जामा पहने और न मोज़ा पहने। हाँ, यदि किसी के पास जूते न हों तो मोज़े पहन सकता है, लेकिन उन्हें टखनों के नीचे तक काट ले।
4- मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को एक जंगली गधा भेंट किया
5- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने जब उनसे निकाह किया, तो आप एहराम की अवस्था में नहीं थे।
6- जो ख़ुश्बू तुम्हारे बदन में लगी हुई है, उसे तीन बार धो डालो और शरीर से कुर्ता उतार दो तथा उमरा में भी वही करो, जो हज में करते हो।