मैं नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ नमाज़ पढ़ा करता था, तो आपकी नमाज़ भी संतुलित हुआ करती थी और आपका ख़ुतबा भी।

मैं नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ नमाज़ पढ़ा करता था, तो आपकी नमाज़ भी संतुलित हुआ करती थी और आपका ख़ुतबा भी।

अबू अब्दुल्लाह बिन जाबिर बिन समुरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि मैं नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ नमाज़ पढ़ा करता था, तो आपकी नमाज़ भी संतुलित हुआ करती थी और आपका ख़ुतबा भी।

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

التصنيفات

जुमे की नमाज़, आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का ख़ुतबा देने का तरीक़ा, आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा