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जो स्त्री अपने पति को दुनिया में कष्ट देती है, तो जन्नत में उसकी पत्नी उससे कहती है कि अल्लाह तेरा नाश करे, उसे कष्ट…
जो स्त्री अपने पति को दुनिया में कष्ट देती है, तो जन्नत में उसकी पत्नी उससे कहती है कि अल्लाह तेरा नाश करे, उसे कष्ट मत दे, क्योंकि वह तेरे पास एक मेहमान है, शीघ्र ही वह तुम्हें छोड़कर हमारे पास आने वाले हैं।
मुआज़ बिन जबल (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया : "जो स्त्री अपने पति को दुनिया में कष्ट देती है, तो जन्नत में उसकी पत्नी उससे कहती है कि अल्लाह तेरा नाश करे, उसे कष्ट मत दे, क्योंकि वह तेरे पास एक मेहमान है, शीघ्र ही वह तुम्हें छोड़कर हमारे पास आने वाले हैं।"
[सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]
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पति-पत्नी का रहन-सहन