एक व्यक्ति ने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल! क्या हममें से कोई अपने भाई अथवा अपने दोस्त से मिलते समय उसके लिए झुक जाए?…

एक व्यक्ति ने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल! क्या हममें से कोई अपने भाई अथवा अपने दोस्त से मिलते समय उसके लिए झुक जाए? फ़रमायाः नहीं। उसने कहाः क्या उसे गले से लगा ले और बोसा दे? फ़रमायाः नहीं। उसने कहाः फिर क्या उसका हाथ पकड़े और उससे मुसाफ़हा करे? फ़रमायाः हाँ।

अनस (रज़ियल्लाहु अनहु) का वर्णन है कि एक व्यक्ति ने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल! क्या हममें से कोई अपने भाई अथवा अपने दोस्त से मिलते समय उसके लिए झुक जाए? फ़रमायाः नहीं। उसने कहाः क्या उसे गले से लगा ले और बोसा दे? फ़रमायाः नहीं। उसने कहाः फिर क्या उसका हाथ पकड़े और उससे मुसाफ़हा करे? फ़रमायाः हाँ।

[ह़सन] [इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है।]

الشرح

अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से पूछा गया कि क्या कोई व्यक्ति अपने भाई से मुलाक़ात के समय उसके लिए झुक जाए? : आपने उत्तर दिया : वह उसके लिए न झुके। पूछने वाले ने फिर पूछा कि क्या उसके लिए झुकने की बजाय उसे बाँहों में लेकर गले से लगा ले? तो आपने उत्तर दिया : नहीं! पूछने वाले ने फिर कहा : क्या उससे मुसाफ़हा करे? फ़रमाया : हाँ!

التصنيفات

सलाम करने तथा प्रवेश की अनुमति लेने के आदाब