अल्लाह के नाम से, हमारी धरती की मिट्टी, हममें से किसी के मुँह के थूक से मिलकर, हमारे रब के आदेश से, हमारे मरीज़ के…

अल्लाह के नाम से, हमारी धरती की मिट्टी, हममें से किसी के मुँह के थूक से मिलकर, हमारे रब के आदेश से, हमारे मरीज़ के रोगमुक्त होने का ज़रिया होगी।

आइशा (रज़ियल्लाहु अनहा) कहती हैं कि जब कोई व्यक्ति अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को अपनी बीमारी के बारे में बताता या उसे कोई फोड़ा अथवा ज़ख्म होता, तो आप अपनी उंगली से इस तरह करते (सुफ़यान बिन उयैना जो कि इस हदीस के वर्णनकर्ता हैं ने अपनी उंगली को ज़मीन पर रखने के बाद उठाकर दिखाया) और फ़रमातेः "بِسمِ اللهِ، تُرْبَةُ أرْضِنَا، بِرِيقَةِ بَعْضِنَا، يُشْفَى بِهِ سَقِيمُنَا، بإذْنِ رَبِّنَا" अर्थात, अल्लाह के नाम से, हमारी धरती की मिट्टी, हममें से किसी के मुँह के थूक से मिलकर, हमारे रब के आदेश से, हमारे रोगी के रोगमुक्त होने का ज़रिया होगी।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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शरई झाड़-फूँक