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सबसे बेहतर जीवन उस व्यक्ति का है, जो अल्लाह के रास्ते में घोड़े की लगाम पकड़े रहता है
सबसे बेहतर जीवन उस व्यक्ति का है, जो अल्लाह के रास्ते में घोड़े की लगाम पकड़े रहता है
अबू हुरैरा (रज़ियल्लाह अनहु) से वर्णन है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः सबसे बेहतर जीवन उस व्यक्ति का है, जो अल्लाह के रास्ते में घोड़े की लगाम पकड़े रहता है और जब भी कोई शोर अथवा जंग का बिगुल सुनता है, उसकी पीठ पर क़त्ल करने अथवा शहीद होने के लिए तेज़ी से दौड़ जाता है। अथवा वह व्यक्ति जो पहाड़ की ऊँचाई अथवा घाटी में रह कर नमाज़ पढ़ता तथा ज़कात देता है और अपने रब की इबादत करता रहता है, यहाँ तक कि उसकी मृत्यु हो जाती है। ऐसे लोगों में भलाई ही भलाई है।
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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जिहाद की फ़ज़ीलत