न दी हुई चीज़ को ज़ाहिर करने वाला ऐसा है, जैसे किसी ने झूठ का जोड़ा पहन रखा हो।

न दी हुई चीज़ को ज़ाहिर करने वाला ऐसा है, जैसे किसी ने झूठ का जोड़ा पहन रखा हो।

असमा -रज़ियल्लाहु अन्हा- से रिवायत है कि एक औरत ने रसूलुल्लाह -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से कहा : ऐ अल्लाह के रसूल! मेरी एक सौतन है। अगर मैं उसका दिल जलाने के लिए उसके सामने किसी चीज़ के मिलने का इज़हार करूँ, जो मेरे पति ने मुझे नहीं दी है, तो क्या मुझे गुनाह होगा? तो रसूलुल्लाह -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फरमाया : "न दी हुई चीज़ को ज़ाहिर करने वाला ऐसा है, जैसे किसी ने झूठ का जोड़ा पहन रखा हो।"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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एक से अधिक पत्नियाँ रखना, कुत्सित आचरण