इद्दत पूरी हो चुकी है। अब तुम उसे नए सिरे से निकाह का संदेश भेजो।

इद्दत पूरी हो चुकी है। अब तुम उसे नए सिरे से निकाह का संदेश भेजो।

ज़ुबैर बिन अव्वाम (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है, वह कहते हैं कि उम्म-ए-कुलसूम बिंत उक़बा उनके निकाह में थीं। वह गर्भावस्था में थीं कि ज़ुबैर (रज़ियल्लाहु अंहु) से बोलीं : मुझे एक तलाक़ देकर मेरा दिल ख़ुश कर दो। सो, ज़ुबैर (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने उन्हें एक तलाक़ दे दिया। फिर नमाज़ के लिए निकल पड़े। जब वापस आए, तो देखा कि बच्चे का जन्म हो चुका है। यह देख उन्होंने कहा : यह क्या है? इसने मुझे धोखा दिया है, अल्लाह इसे धोखा दे। फिर नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पास आए, तो आपने फ़रमाया : “इद्दत पूरी हो चुकी है। अब तुम उसे नए सिरे से निकाह का संदेश भेजो।”

[सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है ।]

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तलाक़-ए-रजई तथा तलाक़-ए-बाइन