शैतान ने कहा : ऐ रब! तेरी इज़्ज़त की क़सम! जब तक तेरे बंदों के शरीर में प्राण रहेंगे, तब तक मैं उन्हें गुमराह करने का…

शैतान ने कहा : ऐ रब! तेरी इज़्ज़त की क़सम! जब तक तेरे बंदों के शरीर में प्राण रहेंगे, तब तक मैं उन्हें गुमराह करने का प्रयत्न करता रहूँगा। रब ने कहा : मेरी इज़्ज़त और जलाल की क़सम! जब तक वे क्षमा माँगते रहेंगे, तब तक मैं उन्हें क्षमा करता रहूँगा।

अबू सईद ख़ुदरी (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया : “शैतान ने कहा : ऐ रब! तेरी इज़्ज़त की क़सम! जब तक तेरे बंदों के शरीर में प्राण रहेंगे, तब तक मैं उन्हें गुमराह करने का प्रयत्न करता रहूँगा। रब ने कहा : मेरी इज़्ज़त और जलाल की क़सम! जब तक वे क्षमा माँगते रहेंगे, तब तक मैं उन्हें क्षमा करता रहूँगा।”

[ह़सन] [इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह के ज़िक्र के लाभ