जीवित जानवर के जिस अंश को काट लिया जाए, वह मुर्दा है।

जीवित जानवर के जिस अंश को काट लिया जाए, वह मुर्दा है।

अबू वाक़िद लैसी -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- कहते हैं कि नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- मदीना आए, तो उस समय मदीने वाले ऊँटों की कोहानें और बकरियों की रानें काट लिया करते थे। अतः, आपने फ़रमाया : “जीवित जानवर के जिस अंश को काट लिया जाए, वह मुर्दा है।”

[सह़ीह़] [इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है। - इसे दारिमी ने रिवायत किया है।]

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हलाल तथा हराम जानवर एवं पक्षी