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1- तुम्हारे लिए दो प्रकार के मुर्दे तथा दो प्रकार के रक्त हलाल किए गए हैं। जहाँ तक दो मुर्दों की बात है तो वह हैं : मछली और टिड़्डी। और जहाँ तक दो रक्त की बात है, तो वह हैं : जिगर तथा तिल्ली।
2- हम लोग अबू मूसा अशअरी (रज़ियल्लाहु अनहु) के पास थे। उन्होंने भोजनपट मंगवाया, जिसमें मुर्गी का माँस भी था
3- हमने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के जीवनकाल में एक घोड़ा ज़िबह किया और उसे खाया
4- अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने घरेलू गधों का मांस खाने से मना फ़रमाया है और घोड़े का मांस खाने की अनुमति दी है
5- अल्लाह और उसके रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने शराब के क्रय-बिक्रय, मुर्दार और सुअर का गोश्त खाने और बुतों की पूजा करने को हराम किया है।
6- "वह आजीविका थी, जिसे अल्लाह ने तुम लोगों के लिए निकाला था। क्या तुम्हारे पास उसका कुछ मांस है कि हमें भी खिला सको?" हमने अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को उसका कुछ मांस भेजा और आपने उस से खाया।
7- जीवित जानवर के जिस अंश को काट लिया जाए, वह मुर्दा है।
8- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने छिपकली को मारने का आदेश दिया और फ़रमाया: यह इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) पर फूँक मारती थी
9- जिसने पहले ही वार में किसी छिपकली को मारा, उसके लिए सौ नेकी लिख दी जाएगी और दूसरे वार में मारने पर उस से कम और तीसरे वार में मारने पर उससे भी कम
10- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने हर नुकीले दाँत वाले दरिंदे और नाखून (से शिकार करने) वाले परिंदे (का मांस खाने) से मना किया है।
11- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने पाख़ाना खाने वाले ऊँट पर सवार होने और उसका दूध पीने से मना किया है।
12- उम्मे हुफै़द -रज़ियल्लाहु अन्हा- ने, जो अब्दुल्लाह बिन अब्बास -रज़ियल्लाहु अन्हुमा- की ख़ाला थीं, नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को पनीर, घी और कुछ साँड़े हदिया भेजे, तो अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने पनीर और घी तो खा लिया, मगर साँड़े को नापसंद करते हुए छोड़ दिया।
13- कुछ लोगों ने कहा : ऐ अल्लाह के रसूल! कुछ लोग हमारे पास मांस लाते हैं, लेकिन हमें मालूम नहीं होता कि उन्होंने ज़बह करते समय बिस्मिल्लाह कहा है या नहीं। यह सुन अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “तुम उसपर बिस्मिल्लाह कहो और खा लो।”
14- हमने मर्रुज़ ज़हरान में एक खरगोश का पीछा किया। भी लोग उसके पीछे दौड़े, लेकिन थक गए।
15- मैंने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल! क्या यह हराम है? फ़रमायाः नहीं, परन्तु यह हमारे यहाँ नहीं हुआ करता है। अतः, मुझे इससे घिन महसूस होती है। खालिद (रज़ियल्लाहु अनहु) कहते हैंः मैंने उसे खींचकर अपने सामने कर लिया और खाना शुरू कर दिया और अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) देखते रहे
16- हम अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ सात युद्धों में शामिल हुए और हम उनके दौरान टिड्डी खाते थे