मुझे अल्लाह की राह में ऐसा डराया गया कि ऐसा किसी को नहीं डराया गया और मुझे ऐसी कष्ट दी गई जैसी तकलीफ किसी को नहीं दी…

मुझे अल्लाह की राह में ऐसा डराया गया कि ऐसा किसी को नहीं डराया गया और मुझे ऐसी कष्ट दी गई जैसी तकलीफ किसी को नहीं दी गई, मेरे ऊपर निरंतर तीस दिन व रात गुज़र जाते तथा मेरे व बिलाल के पास खाने को कुछ नहीं होता जिसे एक जानदार (सजीव) खाता है सिवाय उस तनिक वस्तु के जिसे बिलाल- रज़ियल्लाहु अन्हु- अपने बगल में छुपा कर लाते थे।

अनस- रज़ियल्लाहु अन्हु- से वर्णित है वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फरमायाः मुझे अल्लाह की राह में ऐसा डराया गया कि ऐसा किसी को नहीं डराया गया और मुझे ऐसी कष्ट दी गई जैसी कष्ट किसी को नहीं दी गई, मेरे ऊपर निरंतर तीस दिन व रात गुज़र जाते तथा मेरे व बिलाल के पास खाने को कुछ नहीं होता जिसे एक जानदार ( सजीव) खाता है सिवाय उस तिक वस्तु के, जिसे बिलाल- रज़ियल्लाहु अन्हु- अपने बगल में छुपा कर लाते थे।

[सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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मक्की दौर