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जब अल्लाह तआला, शासक या अधिकारी के साथ भलाई का इरादा करता है, तो उसे सच्चा सहायक प्रदान करता है, जो भूलने पर याद…
जब अल्लाह तआला, शासक या अधिकारी के साथ भलाई का इरादा करता है, तो उसे सच्चा सहायक प्रदान करता है, जो भूलने पर याद दिलाता है और याद रहने पर सहायता करता है। परन्तु, जब इसके विपरीत इरादा करता है, तो उसे बुरा सहायक प्रदान करता है, जो न भूलने पर याद दिलाता है, न याद रहने पर सहायता करता है
आइशा (रज़ियल्लाहु अनहा) अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से मरफ़ूअन वर्णन करते हुए कहती हैं कि जब अल्लाह तआला किसी शासक या अधिकारी के साथ भलाई का इरादा करता है, तो उसे सच्चा सहायक प्रदान करता है, जो भूलने पर याद दिलाता है और याद रहने पर सहायता करता है। परन्तु, जब इसके विपरीत इरादा करता है, तो उसे बुरा सहायक प्रदान करता है, जो न भूलने पर याद दिलाता है, न याद रहने पर सहायता करता है।
[सह़ीह़] [इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है।]
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जनता पर इमाम (शासनाध्यक्ष) का अधिकार