ऐ अबूज़र, तुम एक दुर्बल व्यक्ति हो और यह पद एक अमानत है और यह क़यामत के दिन अपमान तथा शर्मिंदगी का सामान भी है। यह और…

ऐ अबूज़र, तुम एक दुर्बल व्यक्ति हो और यह पद एक अमानत है और यह क़यामत के दिन अपमान तथा शर्मिंदगी का सामान भी है। यह और बात है कि कोई उसे उसके हक़ के साथ प्राप्त करे और उसके बारे में उसके ऊपर जो ज़िम्मेवारियाँ आती हैं, उन्हें अदा करे।

अबूज़र (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैं कि मैंने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल, क्या आप मुझे कोई प्रशासनिक पद नहीं देंगे? तो आपने अपना हाथ मेरे कंधों पर मारकर फ़रमायाः "ऐ अबूज़र, तुम एक दुर्बल व्यक्ति हो और यह पद एक अमानत है और यह क़यामत के दिन अपमान तथा शर्मिंदगी का सामान भी है। यह और बात है कि कोई उसे उसके हक़ के साथ प्राप्त करे और उसके बारे में उसके ऊपर जो ज़िम्मेवारियाँ आती हैं, उन्हें अदा करे।"

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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इमाम (शासनाध्यक्ष) के चयन के तरीक़े, इमामत-ए-कुबरा (शासनाध्यक्ष का पद संभालने) की शर्तें