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जिसे ख़ुशबू भेंट की जाए, वह उसे न लौटाए। क्योंकि वह उठाने में हलकी तथा सुगंधित होती है।
जिसे ख़ुशबू भेंट की जाए, वह उसे न लौटाए। क्योंकि वह उठाने में हलकी तथा सुगंधित होती है।
अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) से वर्णित है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "जिसे ख़ुशबू भेंट की जाए, वह उसे न लौटाए। क्योंकि वह उठाने में हलकी तथा सुगंधित होती है।"
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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जिसे खुशबू भेंट की जाए या खुशबू लगाने की पेशकश की जाए, उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। क्योंकि एक तो उसे साथ रखना कुछ कठिन नहीं है और फिर उसका गंध भी अच्छा होता है।