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तीन काम ऐसे हैं कि उन्हें संजीदगी से किया जाए या मज़ाक़ से, उनका एतबार होगा; निकाह, तलाक़ और तलाक़शुदा स्त्री को…
तीन काम ऐसे हैं कि उन्हें संजीदगी से किया जाए या मज़ाक़ से, उनका एतबार होगा; निकाह, तलाक़ और तलाक़शुदा स्त्री को इद्दत के अंदर लौटाना।
अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अंहु) का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "तीन काम ऐसे हैं कि उन्हें संजीदगी से किया जाए या मज़ाक़ से, उनका एतबार होगा; निकाह, तलाक़ और तलाक़शुदा स्त्री को इद्दत के अंदर लौटाना।"
[ह़सन] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है।]