हम लोग जब अपने बादशाहों के पास जाते हैं, तो ऐसी बातें करते हैं, जो बातें वहाँ से निकलने के बाद नहीं करते। उन्होंने…

हम लोग जब अपने बादशाहों के पास जाते हैं, तो ऐसी बातें करते हैं, जो बातें वहाँ से निकलने के बाद नहीं करते। उन्होंने उत्तर दिया : हम इसे अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के युग में निफ़ाक़ -पाखंड तथा ढ़ोंग- समझते थे।

मुहम्मद बिन ज़ैद कहते हैं कि कुछ लोगों ने उनके दादा अब्दुल्लाह बिन उमर -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- से कहा : हम लोग जब अपने बादशाहों के पास जाते हैं, तो ऐसी बातें करते हैं, जो बातें वहाँ से निकलने के बाद नहीं करते। उन्होंने उत्तर दिया : हम इसे अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के युग में निफ़ाक़ -पाखंड तथा ढ़ोंग- समझते थे।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।]

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निफ़ाक़, जनता पर इमाम (शासनाध्यक्ष) का अधिकार