إعدادات العرض
जिस मुसलमान ने अल्लाह के मार्ग में तनिक समय तक भी अल्लाह के मार्ग में जिहाद किया, उसके लिए जन्नत अनिवार्य हो गई और…
जिस मुसलमान ने अल्लाह के मार्ग में तनिक समय तक भी अल्लाह के मार्ग में जिहाद किया, उसके लिए जन्नत अनिवार्य हो गई और जो अल्लाह की राह में ज़ख़्मी हुआ या चोट खाई, उसके ज़ख़्म से क़यामत के दिन भारी मात्रा में रक्तस्राव हो रहा होगा, जिसका रंग केसर के जैसा होगा और सुगंध कस्तूरी जैसी।
मुआज़- रज़ियल्लाहु अन्हु- का वर्णन है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः जिस मुसलमान ने तनिक समय तक भी अल्लाह के मार्ग में जिहाद किया, उसके लिए जन्नत अनिवार्य हो गई और जो अल्लाह की राह में ज़ख़्मी हुआ या चोट खाई, उसके ज़ख़्म से क़यामत के दिन भारी मात्रा में रक्तस्राव हो रहा होगा, जिसका रंग केसर के जैसा होगा और सुगंध कस्तूरी जैसी।
[सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे नसाई ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है। - इसे दारिमी ने रिवायत किया है।]
الترجمة
العربية বাংলা Bosanski English Español فارسی Français Bahasa Indonesia Türkçe اردو 中文 Tagalog ئۇيغۇرچە Hausa Kurdî Русскийالتصنيفات
जिहाद की फ़ज़ीलत