क़सम सामान को मार्केट में चलाने का माध्यम तो है, लेकिन कमाई की बरकत ख़त्म कर देती है।

क़सम सामान को मार्केट में चलाने का माध्यम तो है, लेकिन कमाई की बरकत ख़त्म कर देती है।

अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अनहु- का वर्णन है, वह कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को कहते हुए सुना है : "क़सम सामान को मार्केट में चलाने का माध्यम तो है, लेकिन कमाई की बरकत ख़त्म कर देती है।"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

الشرح

अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने ख़रीदते बेचते समय क़सम खाने और क़सम का बहुत ज़्यादा प्रयोग करने से मना फ़रमाया है। क़सम चाहे सच्ची ही क्यों न हो। आपने बताया कि इससे सामान तो बिक जाता है, लेकिन क्रय-विक्रय एवं कमाई की बरकत कम और ख़त्म हो जाती है। अल्लाह उसके नष्ट हो जाने की राहें खोल देता है, चोरी द्वारा, या जलने, या डूबने, या हड़पने, या लूटपाट द्वारा, या अन्य दूसरी घटनाओं द्वारा जिनसे उसकी संपत्ति नष्ट हो जाती है।

فوائد الحديث

अल्लाह की क़सम खाना बहुत बड़ी बात है। बिना ज़रूरत इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

हराम की कमाई चाहे जितनी ज़्यादा नज़र आए, उसमें बरकत और भलाई नहीं होती।

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बात करने तथा चुप रहने के आदाब