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1- मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का, आपके घर वालों के बारे में ख़याल रखो तथा सम्मान करो।
2- नबी- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- की पत्नियाँ आपके पास मौजूद थीं। इतने में फ़ातिमा- रज़ियल्लाहु अन्हा- चलती हुई आईं। उनके चलने का अंदाज़ अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के चलने के अंदाज़ से कुछ भी अलग नहीं था।
3- मुझे अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- की किसी पत्नी पर उतनी ग़ैरत नहीं आई, जितनी ख़दीजा- रज़ियल्लाहु अन्हा- पर आई। हालाँकि मैंने उन्हें कभी देखा नहीं था। लेकिन आप उन्हें बहुत ज़्यादा याद करते थे।
4- अल्लाह ने इसमाईल की संतानों में से किनाना को चुन लिया, और किनाना में से क़ुरैश को चुन लिया, तथा क़ुरैश में से बनू हाशिम को चुन लिया, एवं बनू हाशिम में से मुझे चुन लिया, और मैं आदम की संतान का सरदार हूँ, लेकिन मैं गर्व नहीं करता हूँ। सबसे पहले मेरी ही क़ब्र खुलेगी, सबसे पहले मैं ही सिफ़ारिश करूँगा और सबसे पहले मेरी ही सिफ़ारिश क़बूल की जाएगी।
5- फ़ातिमा मेरा अंग है, जिसने उसे नाराज़ किया, उसने मुझे नाराज़ किया।
6- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) बारी का दिन बाँटते समय आइशा (रज़ियल्लाहु अंहा) को दो दिन दिया करते थे। उनका दिन और सौदा (रज़ियल्लाहु अंहा) का दिन।
7- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) अपनी उस बीमारी के दिनों में, जिसमें आपकी मृत्यु हुई, पूछते थेः "मैं कल कहाँ रहूँगा? मैं कल कहाँ रहूँगा?" दरअसल, आप आइशा (रज़ियल्लाहु अंहा) के यहाँ ठहरना चाहते थे। अतः, आपकी पत्नियों ने आपको जहाँ चाहें, वहाँ ठहरने की अनुमति दे दी।
8- जिबरील एक हरे रंग के रेशमी कपड़े में आइशा का चित्र लेकर नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के पास आए और कहाः यह दुनिया तथा आख़िरत में आपकी पत्नी है।
9- इबराहीम मेरा बेटा है। उसकी मृत्यु दूध पीने की अवस्था में हुई है। उसे दो दूध पिलाने वाली दाईयां प्राप्त होंगी, जो जन्नत में उसे दूध पिलाने का कार्य संपन्न करेंगी।