लोग क़यामत (महा प्रलय) के दिन नंगे पाँव, नंगे शरीर तथा बिना ख़तना किए हुए उठाए जाएँगे।

लोग क़यामत (महा प्रलय) के दिन नंगे पाँव, नंगे शरीर तथा बिना ख़तना किए हुए उठाए जाएँगे।

मोमिनों की माता आइशा (रज़ियल्लाु अन्हा) से रिवायत है, वह कहती हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को फ़रमाते हुए सुनाः “लोग क़यामत (महा प्रलय) के दिन नंगे पाँव, नंगे शरीर तथा बिना ख़तना किए हुए उठाए जाएँगे।” मैंने प्रश्न कियाः हे अल्लाह के रसूल, महिला तथा पुरूष एक साथ होंगे, तो एक-दूसरे को देखेंगे? आपने फ़रमायाः “ऐ आइशा, मामला इससे कहीं संगीन होगा कि लोग एक-दूसरे को देखें।” एक रिवायत में इस प्रकार हैः “मामला एक-दूसरे को देखने से अधिक संगीन होगा।”

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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आख़िरत (परलोक) का जीवन