إعدادات العرض
1- किसी स्त्री तथा उसकी फूफी को विवाह के बंधन में एक साथ नहीं रखा जा सकता और न किसी स्त्री तथा उसकी ख़ाला को।
2- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने हमज़ा (रज़ियल्लाहु अनहु) की बेटी के बारे में फ़रमायाः वह मेरे लिए हलाल नहीं है। स्तनपान से भी वह रिश्ते हराम हो जाते हैं, जो नसब (वंश) से हराम होते हैं। वह मेरे दूध शरीक- भाई की बेटी है।
3- यदि वह मेरी गोद में परवरिश न भी पाई होती, तो भी मेरे लिए हलाल न होती। इसलिए कि वह मेरे दूध-शरीक भाई की बेटी है। मुझे और अबू सलमा को सुवैबा ने स्तनपान कराया है। अतः अपनी बेटियों और बहनों को मुझपर पेश न करो।
4- हमारे पास उमर बिन ख़त्ताब की मृत्यु से एक साल पहले उनका पत्र आया कि उन मजूसी विवाहों को निरस्त कर दो जो ऐसे संबंधियों के बीच हुए हैं, जिनके बीच विवाह उचित नहीं है।