जो इन पुत्रियों के द्वारा कुछ आज़माया जाए, फिर वह उनके साथ अच्छा व्यवहार करे, तो वे उनके लिए जहन्नम की आग से बचाव का…

जो इन पुत्रियों के द्वारा कुछ आज़माया जाए, फिर वह उनके साथ अच्छा व्यवहार करे, तो वे उनके लिए जहन्नम की आग से बचाव का माध्यम बन जाएँगी।

आइशा (रज़ियल्लाहु अन्हा) कहती हैं कि मेरे पास एक स्त्री आई, जिसके साथ उसकी दो बेटियाँ थीं। वह मुझसे कुछ माँग रही थी, लेकिन मेरे पास उसे एक ही खजूर मिल सका। मैंने वह खजूर उसे दिया, तो उसने उसे दोनों बेटियों के बीच बाँट दिया और ख़ुद कुछ नहीं खाया। फिर वह उठकर चल पड़ी। जब अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) हमारे पास आए और हमने आपको यह घटना सुनाई, तो फ़रमायाः "जो इन पुत्रियों के द्वारा कुछ आज़माया जाए, फिर वह उनके साथ अच्छा व्यवहार करे, तो वे उनके लिए जहन्नम की आग से बचाव का माध्यम बन जाएँगी।"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है और शब्द बुख़ारी के हैं।]

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सरहनायोग्य आचरण, नफ़ल सदक़ा