अल्लाह पर भरोसा रखने के अनिवार्य होने तथा इस बात का उल्लेख कि अल्लाह अपने नबियों तथा औलिया का ख़ास ख़याल रखता है।

अल्लाह पर भरोसा रखने के अनिवार्य होने तथा इस बात का उल्लेख कि अल्लाह अपने नबियों तथा औलिया का ख़ास ख़याल रखता है।

अबू बकर सिद्दीक़ (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैं कि जब हम ग़ार में थे और मुश्रिक हमें ढूँढते हुए हमारे सर के ऊपर पहुँच चुके थे, तो मैंने उनके पाँव देख लिए। ऐसे में, मैंने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल, अगर उनमें से किसी ने अपने पाँव के नीचे नज़र डाली, तो हमें देख लेगा। यह सुन आपने फ़रमायाः "ऐ अबू बक्र, उन दो लोगों के बारे में तुम्हारा क्या ख़याल है, जिनका तीसरा अल्लाह है?"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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सीरत एवं इतिहास, हिजरत