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1- कोई मुसलमान, जो इस बात की गवाही देता हो कि अल्लाह के सिवा कोई सच्चा माबूद (उपास्य) नहीं और मुहम्मद -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- अल्लाह के रसूल हैं, उसका ख़ून केवल उसी समय हलाल होगा जब वह इन तीन लोगों में से कोई एक हो
2- अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- मस्जिद में थे कि एक मुसलमान आपके पास आया और बोलाः ऐ अल्लाह के रसूल! मैं व्यभिचार में लिप्त हो गया हूँ।
3- इसने ऐसी तौबा की है कि यदि उसे मदीने के सत्तर (70) लोगों के बीच बाँट दिया जाए, तो सबको काफ़ी हो जाए। क्या उसने इससे उत्तम भी कुछ पाया कि (सर्वशक्तिमान एवं महान) अल्लाह के लिए अपना प्राण त्याग दे?
4- जुहैना नामक क़बीले की एक स्त्री नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पास आई, जो व्यभिचार के कारण गर्भवती थी।
5- नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने (कुँवारे को कुँवारी के साथ व्यभिचार करने पर) कोड़े मारे और नगर से निकाला, अबू बक्र (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने भी कोड़े मारे और नगर से निकाला तथा उमर (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने भी कोड़े मारे और नगर से निकाला।
6- यहूदियों ने अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के पास आकर कहा कि उनमें से एक पुरुष एवं एक स्त्री ने व्यभिचार किया है।
7- नबी (सल्ल्लाहु अलैहि व सल्लम) से उस दासी के बारे में पूछा गया, जो व्यभिचार में लिप्त हो गई हो और शादीशुदा न हो?
8- उस ज़ात की क़सम, जिसके हाथ में मेरे प्राण हैं, मैं तुम्हारे बीच अल्लाह की पुस्तक के अनुसार ही निर्णय करूँगा। दासी और बकरियाँ तुम्हें वापस मिलेंगी। तुम्हारे बेटे को सौ कोड़े लगेंगे और उसे एक साल का देश निकाला दिया जाएगा। ऐ उनैस (असलम क़बीले का एक व्यक्ति), तुम इसकी पत्नी के पास जाओ। यदि वह स्वीकार कर ले, तो उसे संगसार (इस्लामी धर्मशास्त्र के अनुसार एक प्रकार का प्राणदंड जिसमें अपराधी को ज़मीन में कमर तक गाड़कर उसके सिर पर पत्थरों की वर्षा करके मार दिया जाता है) कर दो।
9- मुझसे सीख लो, मुझसे सीख लो। अल्लाह ने उनके लिए राह निकाल दी है (यानी व्यभिचारियों की समस्या का समाधान कर दिया है)। कुँवारा यदि कुँवारी के साथ व्यभिचार करे तो उसको सौ कोड़े मारे जाएँगे तथा एक साल के लिए उसके नगर से निकाल दिया जाएगा और विवाहित पुरुष यदि विवाहिता के संग व्यभिचार करे तो उसको सौ कोड़े मारे जाएँगे तथा संगसार किया जाएगा।
10- जब माइज़ बिन मालिक (रज़ियल्लाहु अन्हु) नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के पास आए (तथा अपने व्यभिचार व दुष्कर्म का इक़रार किया) तो आपने उनसे कहा : “हो सकता है तुमने चुंबन लिया हो अथवा उसको छुआ हो अथवा उसकी ओर देखा हो।” उन्होंने कहा : नहीं, ऐ अल्लाह के रसूल (ऐसी बात नहीं है)। तो आपने उनसे बिना किसी लाग-लपेट के पूछा : “क्या तुमने उसके संग संभोग किया है?” (जब उन्होंने इसका इक़रार कर लिया तो) आपने उनको संगसार करने का आदेश दिया।
11- निःसंदेह अल्लाह ने मुहम्मद -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को सत्य के साथ भेजा है और आपके ऊपर (कुरआन नामक) किताब उतारी है। आपपर जो आयतें उतारी गईं हैं, उनमें संगसार (इस्लामी धर्मशास्त्र के अनुसार एक प्रकार का प्राणदंड जिसमें अपराधी को ज़मीन में कमर तक गाड़कर उसके सिर पर पत्थरों की वर्षा करके मार दिया जाता है) की आयत भी थी। हमने उसको पढ़ा है, याद किया है तथा समझा है। चुनांचे अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने संगसार किया है और हमने भी आपके बाद संगसार किया है।