إعدادات العرض
निश्चय ही तूने जिस प्रतिफल की आशा रखी है, वह तुझे मिलेगा।
निश्चय ही तूने जिस प्रतिफल की आशा रखी है, वह तुझे मिलेगा।
उबै बिन काब- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि मेरी जानकारी के अनुसार एक अंसारी का घर मस्जिद से सबसे ज़्यादा दूर था, परन्तु उनकी कोई नमाज़ नहीं छूटती थी। सो, उनसे कहा गया कि यदि आप एक गधा ख़रीद लें और अंधेरे तथा धूप की गर्मी के समय उसपर सवार होकर आएँ तो अच्छा हो। उन्होंने कहाः मुझे यह पसंद नहीं है कि मेरा घर मस्जिद के बगल में हो। मैं चाहता हूँ कि मैं जब मस्जिद आऊँ तो मेरा आना और जब घर वापस जाऊँ तो मेरा जाना लिखा जाए। इसपर अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः अल्लाह ने तेरे लिए इन सब बातों को जमा कर दिया है।
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
الترجمة
العربية বাংলা Bosanski English Español فارسی Français Bahasa Indonesia Русский Tagalog Türkçe اردو 中文 සිංහල Hausa Kurdîالتصنيفات
इस्लाम की विशिष्टता तथा गुण