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अल्लाह के अज़ाब (आग) से किसी को अज़ाब न दो।
अल्लाह के अज़ाब (आग) से किसी को अज़ाब न दो।
इकरिमा से वर्णित है, वह कहते हैं कि अब्दुल्लाह बिन अब्बास -रज़ियल्लाहु अन्हुमा- को ख़बर मिली कि अली -रज़ियल्लाहु अन्हु- ने कुछ लोगों को आग में जला दिया है, तो उन्होंने कहा : अगर मैं होता तो उन्हें हरगिज़ न जलाता, क्योंकि नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया है कि अल्लाह के अज़ाब (आग) से किसी को अज़ाब न दो। हाँ, मैं उनको क़त्ल करवा देता, जैसा कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया है : “जो व्यक्ति अपना दीन बदल दे, उसे क़त्ल कर दो।”
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।]
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इस्लाम को त्याग देने की हद (दंड)