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तुम लोग तो अपने उन्हीं कमज़ोर लोगों के कारण मदद किए एवं रोज़ी दिए जाते हो।
तुम लोग तो अपने उन्हीं कमज़ोर लोगों के कारण मदद किए एवं रोज़ी दिए जाते हो।
साद (रज़ियल्लाहु अन्हु) के मन में आया कि उन्हें अपने से कमतर लोगों पर कुछ श्रेष्ठता प्राप्त है। अतः नबी (सल्ल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "तुम लोग तो अपने उन्हीं कमज़ोर लोगों के कारण मदद किए एवं रोज़ी दिए जाते हो।" तथा अबू दरदा उवैमिर (रज़ियल्लाहु अंहु) का वर्णन है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "तुम कमज़ोर लोगों को ढूँढने में मेरी मदद करो। क्योंकि तुम्हारे कमज़ोर लोगों के कारण ही तुम्हारी सहायता की जाती है और तुम्हें रोज़ी दी जाती है।"
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है। - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे नसाई ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]
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सदाचारी बंदों के हालात