मेराज की रात, मैं ऐसे लोगों के पास से गुज़रा, जिनके नाख़ून ताँबे के थे और वे अपने चेहरों और सीनों को नोच रहे थे। मैंने…

मेराज की रात, मैं ऐसे लोगों के पास से गुज़रा, जिनके नाख़ून ताँबे के थे और वे अपने चेहरों और सीनों को नोच रहे थे। मैंने कहा कि जिबरील! यह कौन लोग हैं? तो बताया कि यह वही लोग हैं, जो लोगों का मांस खाते थे और उनकी इज़्ज़तों पर हमला करते थे।

अनस बिन मालिक- रज़ियल्लाहु अन्हु- का वर्णन है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः मेराज की रात, मैं ऐसे लोगों के पास से गुज़रा, जिनके नाख़ून ताँबे के थे और वे अपने चेहरों और सीनों को नोच रहे थे। मैंने कहा कि जिबरील! यह कौन लोग हैं? तो बताया कि यह वही लोग हैं, जो लोगों का मांस खाते थे और उनकी इज़्ज़तों पर हमला करते थे।

[ह़सन] [इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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गुनाहों की मज़म्मत