अपने भाई की मदद करो, वह ज़ालिम हो या मज़लूम।

अपने भाई की मदद करो, वह ज़ालिम हो या मज़लूम।

अनस बिन मालिक- रज़ियल्लाहु अन्हु- का वर्णन है कि अल्लाह के नबी नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः अपने भाई की मदद करो, वह ज़ालिम हो या मज़लूम। एक व्यक्ति ने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल! जब वह मज़लूम हो तो उसकी मदद करूँगा। परन्तु, जब वह ज़ालिम हो तो उसकी मदद भला कैसे करूँ? फ़रमायाः उसे अत्याचार से रोको। यही उसकी मदद है।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।]

التصنيفات

मुस्लिम समाज