إعدادات العرض
''मेरे सहाबा को बुरा-भला मत कहो। तुममें से कोई यदि उहुद पर्वत के बराबर सोना ख़र्च कर दे, तब भी उनके एक या आधा मुद खर्च…
''मेरे सहाबा को बुरा-भला मत कहो। तुममें से कोई यदि उहुद पर्वत के बराबर सोना ख़र्च कर दे, तब भी उनके एक या आधा मुद खर्च करने के बराबर नेकी प्राप्त नहीं कर सकता।
अबू सईद ख़ुदरी रज़ियल्लाहु अन्हु से वर्णित है, वह कहते हैं अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया है : ''मेरे सहाबा को बुरा-भला मत कहो। तुममें से कोई यदि उहुद पर्वत के बराबर सोना ख़र्च कर दे, तब भी उनके एक या आधा मुद खर्च करने के बराबर नेकी प्राप्त नहीं कर सकता।"
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
الترجمة
العربية Bosanski English فارسی Français Русский 中文 Bahasa Indonesia اردو Hausa Kurdî Português অসমীয়া Kiswahili Tagalog ગુજરાતી Tiếng Việt Nederlands සිංහල پښتو नेपाली ไทย മലയാളം Кыргызча Română Svenska తెలుగు ქართული Moore Türkçe Српски Magyar Македонски Čeština Українська አማርኛالشرح
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने सहाबा को गाली से मना किया है। ख़ास तौर से सबसे पहले इस्लाम ग्रहण करने वाले और उसका सहयोग करने वाले मुहाजिरों और अंसार को। आपने आगे बताया कि अगर कोई व्यक्ति उहुद पर्वत के बराबर भी सोना खर्च कर दे, तो उतना सवाब प्राप्त नहीं कर सकेगा, जितना किसी सहाबी को एक मुद या आधा मुद खर्च करने पर मिल जाया करता था। याद रहे कि मुद मध्यम शरीर वाले इन्सान के एक लप भर को कहते हैं। सहाबा को इतना बड़ा सवाब उनकी निष्ठा, सच्ची नीयत और मक्का विजय से पहले ऐसे समय में खर्च करने तथा युद्ध में शामिल होने के कारण मिला, जब उसकी बहुत ज़्यादा ज़रूरत थी।فوائد الحديث
सहाबा को गाली देना हराम तथा कबीरा गुनाह है।