إعدادات العرض
मुझे पाँच चीज़ें ऐसी दी गई हैं, जो मुझसे पहले किसी नबी को दी नहीं गई थीं।
मुझे पाँच चीज़ें ऐसी दी गई हैं, जो मुझसे पहले किसी नबी को दी नहीं गई थीं।
जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ियल्लाहु अनहुमा का वर्णन है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "मुझे पाँच चीज़ें ऐसी दी गई हैं, जो मुझसे पहले किसी नबी को दी नहीं गई थीं। एक महीने की मसाफ़त तक जाने वाले प्रताप द्वारा मेरा सहयोग किया गया है। मेरे लिए धरती को नमाज़ पढ़ने का स्थान एवं पवित्रता प्राप्त करने का साधन बनाया गया है। लिहाज़ा मेरी उम्मत का जो व्यक्ति जहाँ नमाज़ का समय पाए, वह वहीं नमाज़ अदा कर ले। मेरे लिए ग़नीमत का धन हलाल किया गया है। मुझसे पहले किसी के लिए ग़नीमत का धन हलाल न था। मुझे सिफ़ारिश करने का अधिकार दिया गया है। दूसरे नबी अपने-अपने समुदायों की ओर नबी बनाकर भेजे जाते थे। लेकिन मुझे तमाम इन्सानों की ओर नबी बनाकर भेजा गया है।"
الترجمة
العربية বাংলা Bosanski English Español فارسی Français Bahasa Indonesia Русский Tagalog Türkçe اردو 中文 ئۇيغۇرچە Hausa Português Kurdî Kiswahili සිංහල Nederlands Tiếng Việt অসমীয়া Oromoo پښتو ગુજરાતી ไทย മലയാളം Română नेपाली Deutsch తెలుగు Кыргызча ქართული Moore Magyar Svenska Українська Македонски ಕನ್ನಡالشرح
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बताया है कि अल्लाह ने आपको पाँच चीज़ें दी हैं, जो पहले किसी नबी को दी नहीं गई थीं। 1- मेरे समर्थन के तौर पर प्रताप दिया गया है, जो मेरे दुश्मनों के दिलों में डाल दिया जाता है, यद्यपि मेरे और उनके बीच एक महीने की दूरी ही क्यों न मौजूद हो। 2- हमारे लिए पूरी धरती को नमाज़ पढ़ने का स्थान बनाया गया है कि हम जहाँ चाहें, नमाज़ पढ़ लें। इसी दरह पानी के इस्तेमाल की शक्ति न होने पर मिट्टी को पवित्रता प्राप्त करने का साधन भी बनाया गया है। 3- हमारे लिए युद्ध से प्राप्त होने वाले ग़नीमत के धन को हलाल किया गया है। ग़नीमत के धन से मुराद वह धन है, जो अविश्वासियों से युद्ध के दौरान मुसलमानों को प्राप्त होता है। 4- मुझे क़यामत के दिन भयावहता से लोगों को मुक्ति दिलाने की सिफ़ारिश दी गयी है। 5- मुझे तमाम इन्सानों और जिन्नात की ओर नबी बनाकर भेजा गया है। जबकि मुझसे पहले आने वाले नबी अपने-अपने समुदायों की ओर नबी बनाकर भेजे जाते थे।فوائد الحديث
इन्सान किसी को बताने या अल्लाह का शुक्र अदा करने के लिए अल्लाह की दी हुई नेमतों को गिनवा सकता है।
इस उम्मत तथा उसके नबी पर अल्लाह का उपकार कि उसने उपर्युक्त चीज़ें दी हैं।
नमाज़ हर हाल में समय पर पढ़ना ज़रूरी है। एक व्यक्ति नमाज़ की शर्तों, स्तंभों एवं अनिवार्य कार्यों में जितने का पालन कर सकेगा, करेगा।
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को विशेष रूप से जिस सिफ़ारिश का अधिकार दिया गया है, उसके विभिन्न प्रकार हैं। जैसे- बंदों के लिए इस बात की सिफ़ारिश कि अल्लाह उनके बारे में निर्णय कर दे और जन्नत वालों को जन्नत में दाख़िल करने की सिफ़ारिश आदि। आपके चचा अबू तालिब के अज़ाब को हल्का करने की सिफ़ारिश भी इसका एक उदाहरण है। याद रहे कि आप अपने चचा अबू तालिब को जहन्नम से निकालने की सिफ़ारिश नहीं करेंगे, क्योंकि उनकी मृत्यु अविश्वास के साथ हुई थी।
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की और भी बहुत-सी विशिष्ट विशेषताएँ हैं, जिनका उल्लेख इस हदीस में नहीं हुआ है। जैसे- आपको सारगर्भित शब्दों में बात रखने की क्षमता प्रदान की गई थी, आप नबियों के सिलसिले की अंतिम कड़ी थे और आपकी उम्मत की सफ़ों को फ़रिश्तों की सफ़ों के समान बनाया गया है।