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जनाबत (स्वप्नदोष, सह्वास या किसी भी कारणवश वीर्यस्खलन हो जाने से होने वाली अपवित्रता से पवित्र होने) का स्नान करने…
जनाबत (स्वप्नदोष, सह्वास या किसी भी कारणवश वीर्यस्खलन हो जाने से होने वाली अपवित्रता से पवित्र होने) का स्नान करने का तरीक़ा
मुसलमानों की माता मैमूना रज़ियल्लाहु अनहा का वर्णन है, वह कहती हैं : मैंने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लिए स्नान का पानी रखा और कपड़े से पर्दा किया, तो आपने अपने दोनों हाथों पर पानी उंडेल कर उनको धोया, फिर अपने दाएँ हाथ से बाएँ हाथ पर पानी उंडेला और अपनी शर्मगाह को धोया, फिर अपने हाथ को धरती पर मारा, उसे रगड़ा और धोया। फिर कुल्ली की और नाक में पानी चढ़ाया, फिर अपने चेहरे और दोनों हाथों को धोया, फिर अपने सर पर पानी बहाया, फिर पूरे बदन को धोया, फिर अपने स्थान से हटकर खड़े हुए और अपने दोनों पैरों को धोया। उसके बाद मैं आपके पास एक कपड़ा लेकर आई, तो उसे नहीं लिया और अपने हाथ से पानी झाड़ने लगे।
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अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की पत्नी मैमूना रज़ियल्लाहु अनहा आपके जनाबत के स्नान का तरीक़ा बयान कर रही हैं। उनका बयान है कि उन्होंने अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लिए स्नान का पानी रखा और एक कपड़े से आपका पर्दा किया, जिसके बाद आपने निम्नलिखित कार्य किए : 1- हाथों को बर्तन में डालने से पहले उनपर पानी उन्डेलकर उनको धोया। 2- दाएँ हाथ से बाएँ हाथ पर पानी उन्डेला और अपनी शर्मगाह को धोया, ताकि उसपर जनाबत का कोई प्रभाव न रहे। 3- अपना हाथ ज़मीन पर मारा, रगड़ा और गंदगी दूर करने के लिए धोया। 4- कुल्ली की। यानी मुँह में पानी डाला, उसे हिलाया, घुमाया और फेंक दिया। फिर नाक झाड़ी। यानी साँस के साथ नाक के अंदर पानी ले गए और बाहर निकाल दिया, ताकि नाक की सफ़ाई हो जाए। 5- चेहरे और दोनों हाथों को धोया। 6- सर पर पानी डाला। 7- शेष शरीर पर पानी डाला। 8- अपनी जगह से हटकर खड़े हुए और दोनों पैरों को धोया, क्योंकि उनको पहले नहीं धोया था। फिर मैमूना रज़ियल्लाहु अनहा ने शरीर को सुखाने के लिए एक कपड़ा दिया, तो उसे लिया नहीं, बल्कि अपने हाथ से शरीर का पानी पोंछने लगे और उसे झाड़ने लगे।فوائد الحديث
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की पत्नियों ने लोगों को सिखाने के लिए आपके जीवन से जुड़ी हुई छोटी-छोटी बातें भी बयान कर दीं।
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से साबित जनाबत के स्नान के संपूर्ण तरीक़ों में से यह एक तरीक़ा है। जबकि स्नान करते समय बस इतना भी काफ़ी है कि पूरे शरीर पर पानी बहा ले, कुल्ली कर ले और नाक झाड़ ले।
स्नान या वज़ू के बाद शरीर को कपड़े से पोंछना अथवा छोड़ देना दोनों मुबाह हैं।
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