क़यामत उस समय तक नहीं आएगी, जब तक तुम यहूदियों से युद्ध न कर लो और यहाँ तक कि जिस पत्थर के पीछे यहूदी छुपा हो वह न कहे…

क़यामत उस समय तक नहीं आएगी, जब तक तुम यहूदियों से युद्ध न कर लो और यहाँ तक कि जिस पत्थर के पीछे यहूदी छुपा हो वह न कहे कि ए मुसलमान! यह मेरे पीछे यहूदी छुपा है, इसकी हत्या कर दो।

अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "क़यामत उस समय तक नहीं आएगी, जब तक तुम यहूदियों से युद्ध न कर लो और यहाँ तक कि जिस पत्थर के पीछे यहूदी छुपा हो वह न कहे कि ए मुसलमान! यह मेरे पीछे यहूदी छुपा है, इसकी हत्या कर दो।"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

الشرح

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि क़यामत उस समय तक नहीं आएगी, जब तक यहूदी और मुसलमान एक-दूसरे से युद्ध न कर लें। और यह स्थिति न पैदा हो जाए कि जब कोई यहूदी मुसलमानों से बचने के लिए किसी पत्थर के पीछे जा छुपे तो अल्लाह पत्थर को बोलने की शक्ति प्रदान कर दे और वह मुसलमान को पुकार कर कहे कि उसके पीछे एक यहूदी छुपा है, ताकि वह जाकर उसका वध कर दे।

فوائد الحديث

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अल्लाह की ओर से प्रदान की गई सूचना के अनुसार ग़ैब की कुछ बातें बताई हैं, जो आने वाले समय से संबंध रखती हैं और जो निश्चित रूप से सामने आएँगी।

अंतिम काल में मुसलमान यहूदियों से युद्ध करेंगे, जो कि क़यामत की निशानियों में से एक निशानी है।

इस्लाम धर्म क़यामत तक बाक़ी रहेगा और वह सारे धर्मों पर ग़ालिब रहेगा।

अल्लाह दुश्मनों के विरुद्ध मुसलमानों की मदद करता है और इसका एक रूप यह है कि वह अंतिम काल में पत्थरों को बोलने की शक्ति प्रदान करेगा।

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बर्ज़ख़ का जीवन