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मैं अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ मौजूद था। आप एक ऐसी जगह पहुँचे, जहाँ लोग कूड़ा-करकट फेंका करते…
मैं अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ मौजूद था। आप एक ऐसी जगह पहुँचे, जहाँ लोग कूड़ा-करकट फेंका करते हैं और आपने खड़े होकर पेशाब किया।
हुज़ैफ़ा रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत है, वह कहते हैं : मैं अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ मौजूद था। आप एक ऐसी जगह पहुँचे, जहाँ लोग कूड़ा-करकट फेंका करते हैं और आपने खड़े होकर पेशाब किया। मैं ज़रा दूर हटकर खड़ा हो गया, तो फ़रमाया : "करीब आ जाओ।" तब मैं क़रीब आकर आपकी दोनों एड़ियों के पास खड़ा हो गया। इसके बाद आपने वज़ू किया और दोनों मोज़ों पर मसह किया।
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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हुज़ैफ़ा बिन यमान रज़ियल्लाहु अनहुमा कहते हैं कि वह अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ थे। तो आपने पेशाब करने का इरादा किया, अतः एक जगह गए, जहाँ लोग कचरा और धूल फेंका करते थे और वहाँ खड़े होकर पेशाब किया। जबकि आम तौर पर पेशाब बैठकर ही किया करते थे। यह देखकर हुज़ैफ़ रज़ियल्लाहु अनहु आपसे दूर हटने लगे, तो आपने पास आने को कहा। तब बिल्कुल पास जाकर आपके पीछे एड़ियों के निकट खड़े हो गए, ताकि आड़ बन जाएँ और कोई आपको देख न सके। उसके बाद आपने वज़ू किया और जब पाँव धोने की बारी आई, तो मोज़ों को उतारने के बजाय उनपर मसह कर लिया। मोज़ों से मुराद पतले चमड़े आदि से बने हुए पैरों में पहनी जाने वाली ऐसी चीज़ें हैं, जो क़दमों को ढाँप कर रखती हों।فوائد الحديث
मोज़ों पर मसह करना शरीयत सम्मत है।
खड़े होकर पेशाब करना जायज़ है। शर्त यह है कि पेशाब के छींटे शरीर या कपड़े पर न पड़ें।
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कचरा फेंकने के स्थान का चयन इसलिए किया कि आम तौर पर वह जगह नर्म होती है और पेशाब के छींटे शरीर पर पड़ने की संभवाना नहीं रहती।
التصنيفات
मोज़ों आदि पर मसह