मेरे सामने जन्नत और जहन्नम लाई गई। अतः, मैंने भलाई और बुराई के मामले में आज के जैसा दिन नहीं देखा। तुम भी अगर वह जान…

मेरे सामने जन्नत और जहन्नम लाई गई। अतः, मैंने भलाई और बुराई के मामले में आज के जैसा दिन नहीं देखा। तुम भी अगर वह जान लो, जो मैं जानता हूँ तो हँसना कम कर दो और अधिक रोने लगो।

अनस- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने हमारे सामने ऐसा वक्तव्य दिया कि मैंने वैसा वक्तव्य कभी नहीं सुना। फ़रमायाः अगर तुम वह बातें जान लो, जो मैं जानता हूँ तो हँसना कम कर दो और अधिक रोने लगो। यह सुन कर अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथी अपने चेहरों को छिपाकर फूट-फूटकर रोने लगे। तथा एक रिवायत में हैः अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को अपने साथियों के बारे में कोई बात पहुँची तो वक्तव्य दिया और फ़रमायाः मेरे सामने जन्नत और जहन्नम लाई गई। अतः, मैंने भलाई और बुराई के मामले में आज के जैसा दिन नहीं देखा। तुम भी अगर वह जान लो, जो मैं जानता हूँ तो हँसना कम कर दो और अधिक रोने लगो। इसलिए, अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथियों पर उससे कठिन दिन नहीं आया। उन्होंने अपने सिर ढाँप लिए और फूट-फूटकर रोेने लगे।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

التصنيفات

जन्नत तथा जहन्नम की विशेषताएँ