अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सभी हालतों में अल्लाह का ज़िक्र (गुणगान) किया करते थे।

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सभी हालतों में अल्लाह का ज़िक्र (गुणगान) किया करते थे।

आइशा रज़ियल्लाहु अनहा का वर्णन है, वह कहती हैं : अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सभी हालतों में अल्लाह का ज़िक्र (गुणगान) किया करते थे।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने तालीक़न यक़ीन के सेग़े के साथ रिवायत किया है।]

الشرح

मोमिनों की माता आइशा रज़ियल्लाहु अनहा कहती हैं कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के ज़िक्र के प्रति बहुत ज़्यादा उत्सुक रहा करते थे। आप हर समय, हर स्थान और हर हालत में अल्लाह का ज़िक्र किया करते थे।

فوائد الحديث

अल्लाह के ज़िक्र के लिए छोटी और बड़ी नापाकी से पाक होना शर्त नहीं है।

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पाबंदी से अल्लाह का ज़िक्र किया करते थे।

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पद्चिह्नों पर चलते हुए सभी अवस्थाओं में अधिक से अधिक अल्लाह का ज़िक्र करने की प्रेरणा, उन हालतों को छोड़कर जिन हालतों में ज़िक्र करना मना है। जैसे शौच करने की हालत।

التصنيفات

क़ुरआन तथा मुसहफ़ों से संबंधित अहकाम