إعدادات العرض
1- अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- लगातार कई-कई रात भूखे पेट गुज़ार देते और आपके घर वालों को भी रात का खाना नसीब नहीं होता। उनकी रोटी अधिकतर जौ की रोटी हुआ करती थी।
2- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का दायाँ हाथ पवित्रता प्राप्त करने और खाने के लिए था। जबकि बायाँ हाथ इस्तिंजा करने (पेशाब एवं शोच करने के बाद, अंगों को धोने) एवं अन्य सफ़ाई के कामों के लिए होता था
3- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को दूध पेश किया गया, जिसमें पानी मिला हुआ था। उस समय आपके दाएँ एक देहाती और बाएँ अबू बक्र- रज़ियल्लाहु अन्हुम- बैठे हुए थे। आपने दूध पिया और उसके बाद देहाती को देते हुए कहाः दाएँ वाले से शुरू किया करो।
4- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) कोई पीने की वस्तु तीन साँस में पीते थे।
5- मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को अपने नितंब को धरती से मिलाकर और दोनों पिंडलियों को खड़ा करके बैठकर खजूर खाते हुए देखा है।
6- अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने एक यहूदी से खाने की वस्तु ख़रीदी और उसके पास अपना लोहे का कवच गिरवी रख दिया।
7- मैंने अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- की आवाज़ दुर्बल सुनी है, जिससे महसूस हो रहा है कि आप भूखे हैं। क्या तुम्हारे पास कुछ है?
8- अगर तेरे पास मश्क में रखा हुआ रात का पानी है तो ठीक है, वरना हम मुँह लगाकर पी लेंगे।