إعدادات العرض
सुन्नत यह है कि अज़ान देने वाला फ़ज्र की अज़ान में 'हय्या अलल-फ़लाह' के बाद 'अस-सलातु ख़ैरुम-मिनन-नौम' (नमाज़ नींद से…
सुन्नत यह है कि अज़ान देने वाला फ़ज्र की अज़ान में 'हय्या अलल-फ़लाह' के बाद 'अस-सलातु ख़ैरुम-मिनन-नौम' (नमाज़ नींद से बेहतर है) कहे
अनस (रज़ियल्लाहु अनहु) से रिवायत है, वह कहते हैं: सुन्नत यह है कि अज़ान देने वाला फ़ज्र की अज़ान में 'हय्या अलल-फ़लाह' के बाद 'अस-सलातु ख़ैरुम-मिनन-नौम' (नमाज़ नींद से बेहतर है) कहे (दो बार)।
[सह़ीह़] [इसे इब्ने ख़ुज़ैमा ने रिवायत किया है । - इसे बैहक़ी ने रिवायत किया है। - इसे दारक़ुतनी ने रिवायत किया है ।]
الترجمة
العربية বাংলা Bosanski English Español فارسی Français Bahasa Indonesia Русский Tagalog Türkçe اردو 中文 Tiếng Việt Hausa Kurdî Magyar ქართული සිංහල Kiswahili Română অসমীয়া ไทย Português मराठी دری አማርኛ ភាសាខ្មែរالتصنيفات
अज़ान तथा इक़ामत