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सुन्नत यह है कि अज़ान देने वाला फ़ज्र की अज़ान में 'हय्या अलल-फ़लाह' के बाद 'अस-सलातु ख़ैरुम-मिनन-नौम' (नमाज़ नींद से…
सुन्नत यह है कि अज़ान देने वाला फ़ज्र की अज़ान में 'हय्या अलल-फ़लाह' के बाद 'अस-सलातु ख़ैरुम-मिनन-नौम' (नमाज़ नींद से बेहतर है) कहे
अनस (रज़ियल्लाहु अनहु) से रिवायत है, वह कहते हैं: सुन्नत यह है कि अज़ान देने वाला फ़ज्र की अज़ान में 'हय्या अलल-फ़लाह' के बाद 'अस-सलातु ख़ैरुम-मिनन-नौम' (नमाज़ नींद से बेहतर है) कहे (दो बार)।
[सह़ीह़] [इसे इब्ने ख़ुज़ैमा ने रिवायत किया है । - इसे बैहक़ी ने रिवायत किया है। - इसे दारक़ुतनी ने रिवायत किया है ।]
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अज़ान तथा इक़ामत