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अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम दो सजदों के बीच में यह दुआ पढ़ते थे : "ऐ अल्लाह! तू मुझे माफ कर दे, मेरे ऊपर रहम…
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम दो सजदों के बीच में यह दुआ पढ़ते थे : "ऐ अल्लाह! तू मुझे माफ कर दे, मेरे ऊपर रहम कर, मुझे आफियत (स्वास्थ्य इत्यादि) दे तथा मुझे रोज़ी प्रदान कर।
अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ियल्लाहु अनहुमा से रिवायत है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम दो सजदों के बीच में यह दुआ पढ़ते थे : "ऐ अल्लाह! तू मुझे माफ कर दे, मेरे ऊपर रहम कर, मुझे आफियत (स्वास्थ्य इत्यादि) दे तथा मुझे रोज़ी प्रदान कर।"
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अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम नमाज़ में यह पाँच चीज़ें माँगा करते थे, जिनकी एक मुसलमान को बड़ी ज़रूरत होती है और जिनके अंदर दुनिया एवं आख़िरत दोनों की भलाइयाँ सिमट आई हैं। आप अल्लाह से गुनाहों पर पर्दा डालने और उन्हें माफ़ करने, अपने ऊपर रहमत की वर्षा बरसाने तथा संदेहों, ग़लत आकांक्षाओं एवं बीमारियों से सुरक्षित रखने, सत्य के मार्ग पर चलाने और उसपर दृढ़ता से क़ायम रखने और ज्ञान, अच्छा कर्म करने का सुयोग एवं हलाल एवं साफ़-सुथरा धन प्रदान करने की दुआ करते थे।فوائد الحديث
दो सजदों के बीच के बैठक में यह दुआ पढ़नी चाहिए।
इन दुआओं की फ़ज़ीलत, जिनमें दुनिया एवं आख़िरत की भलाइयाँ मौजूद हैं।