अल्लाह से डरो जो तुम्हारा रब है, पाँच वक़्त की नमाज़ें पढ़ो, अपने महीने (अर्थाथ रमज़ान महीने) के रोज़े रखो, अपने धन की…

अल्लाह से डरो जो तुम्हारा रब है, पाँच वक़्त की नमाज़ें पढ़ो, अपने महीने (अर्थाथ रमज़ान महीने) के रोज़े रखो, अपने धन की ज़कात दो तथा अपने शासकों की बात मानो, तुम अपने रब की जन्नत में दाख़िल हो जाओगे।

अबू उमामा रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को हज्जतुल वदा के अवसर पर ख़ुतबा देते समय कहते हुए सुना है : "अल्लाह से डरो जो तुम्हारा रब है, पाँच वक़्त की नमाज़ें पढ़ो, अपने महीने (अर्थाथ रमज़ान महीने) के रोज़े रखो, अपने धन की ज़कात दो तथा अपने शासकों की बात मानो, तुम अपने रब की जन्नत में दाख़िल हो जाओगे।"

[सह़ीह़] [رواه الترمذي وأحمد]

الشرح

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने 10 हिजरी को हज्जतुलवदा के अवसर पर अरफ़ा के दिन ख़ुतबा दिया। इस हज को हज्जतुलवदा इसलिए कहा जाता है कि इस अवसर पर अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने लोगों को अलवदा कहा। इस अवसर पर आपने तमाम लोगों को आदेश दिया कि अपने रब से डरें, जिसका तरीक़ा यह है कि उसके आदेशों का पालन किया जाए और उसकी मना की हुई चीज़ों से दूर रहा जाए। पाँच वक़्त की नमाज़े पढ़ें, जिन्हें अल्लाह ने दिन एवं रात में फ़र्ज़ किया है। रमज़ान महीने के रोज़े रखें। अपने धन की ज़कात हक़दारों को दें और उसमें कंजूसी न करें। अपने शासकों की बात मानें, जब तक उनका आदेश अल्लाह की अवज्ञा पर आधारित न हो। जिसने इन कामों को किया, उसका प्रतिफल जन्नत में प्रवेश की प्राप्ति है।

فوائد الحديث

ये कार्य स्वर्ग में प्रवेश पाने के कारणों में से हैं।

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सुकर्मों की फ़ज़ीलतें