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तुममें मेरे सबसे प्रिय और क़यामत के दिन मुझसे सबसे निकट वह व्यक्ति होगा, जिसका आचरण सबसे अच्छा होगा और मेरे निकट…
तुममें मेरे सबसे प्रिय और क़यामत के दिन मुझसे सबसे निकट वह व्यक्ति होगा, जिसका आचरण सबसे अच्छा होगा और मेरे निकट सबसे अप्रिय और क़यामत के दिन मुझसे सबसे दूर वह लोग होंगे, जो बहुत ज़्यादा बातूनी, मुँह भर-भर के बोलने वाले और अभिमान करने वाले हैं।
जाबिर बिन अब्दुल्लाह (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) से वर्णित है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया : "तुममें मेरे सबसे प्रिय और क़यामत के दिन मुझसे सबसे निकट वह व्यक्ति होगा, जिसका आचरण सबसे अच्छा होगा और मेरे निकट सबसे अप्रिय और क़यामत के दिन मुझसे सबसे दूर वह लोग होंगे, जो बहुत ज़्यादा बातूनी, मुँह भर-भर के बोलने वाले और अभिमान करने वाले हैं।" लोगों ने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल, हमें तो (आपके दो शब्दों) 'अस-सरसारून' और 'अल-मुतशद्दिक़ून' का अर्थ समझ में आ गया, लेकिन (तीसरे शब्द) 'अल-मुतफ़ैहिक़ून' का क्या अर्थ है? आपने कहा : "अभिमान करने वाले।"
[सह़ीह़] [इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है।]
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सरहनायोग्य आचरण