إعدادات العرض
1- जिसे यह पसंद हो कि अल्लाह उसे क़यामत के दिन की परेशानी से मुक्त कर दे, उसे चाहिए कि किसी अभावग्रस्त व्यक्ति को मोहलत दे या उसका क़र्ज़ माफ़ कर दे।
2- उसे दे दो, क्योंकि तुम्हारे अंदर सबसे उत्तम व्यक्ति वह है, जो सबसे अच्छे तरीके से उधार चुकाने वाला हो
3- तुमसे पहले के लोगों में से एक व्यक्ति का हिसाब लिया गया, तो उसके पास कोई भी पुण्यकर्म नहीं मिला। मिला तो बस इतना कि वह एक धनी व्यक्ति था, लोगों के साथ मामला करता था और अपने सेवकों को आदेश देता था कि जो क़र्ज़ अदा करने में असमर्थ हो, उसे क्षमा कर दें। अतः, अल्लाह ने कहाः हम उसकी तुलना में इसे क्षमा कर देने के अधिक हक़दार हैं, जाओ, उसे माफ़ कर दो।