ऐ अल्लाह, मैंने खुद को तेरे ही आगे झुकाया, तुझपर ईमान लाया, तुझपर भरोसा किया, तेरी ओर लौटा और तेरे लिए झगड़ा किया। ऐ…

ऐ अल्लाह, मैंने खुद को तेरे ही आगे झुकाया, तुझपर ईमान लाया, तुझपर भरोसा किया, तेरी ओर लौटा और तेरे लिए झगड़ा किया। ऐ अल्लाह, मैं इस बात से तेरे प्रभुत्व की शरण में आता हूँ कि तू मुझे गुमराह करे। तेरे सिवा कोई पूज्य नहीं। तू जीवित है, जिसे मौत नहीं आएगी, जबकि जिन्न और इनसान मर जाएँगे।

अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ियल्लाहु अंहु) से वर्णित है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) यह दुआ किया करते थेः "ऐ अल्लाह, मैंने खुद को तेरे ही आगे झुकाया, तुझपर ईमान लाया, तुझपर भरोसा किया, तेरी ओर लौटा और तेरे लिए झगड़ा किया। ऐ अल्लाह, मैं इस बात से तेरे प्रभुत्व की शरण में आता हूँ कि तू मुझे गुमराह करे। तेरे सिवा कोई पूज्य नहीं। तू जीवित है, जिसे मौत नहीं आएगी, जबकि जिन्न और इनसान मर जाएँगे।"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ज़िक्र का तरीक़ा, मासूर दुआएँ