"मैंने तेरे (पास से जाने के) बाद चार ऐसे शब्द कहे हैं कि यदि उनको तुम्हारे आज के तमाम अज़कार से तोला जाए, तो वह…

"मैंने तेरे (पास से जाने के) बाद चार ऐसे शब्द कहे हैं कि यदि उनको तुम्हारे आज के तमाम अज़कार से तोला जाए, तो वह तुम्हारे अज़कार से अधिक भारी साबित होंगे। (वह शब्द हैंः) "सुबहानल्लाहि व बिह़म्दिहि, अददा ख़ल्क़िहि, व रिज़ा नफ़्सिहि, व ज़िनता अर्शिहि, व मिदादा कलेमातिहि।" (अल्लाह की पाकी और प्रशंसा है उसकी सृष्टि के समान, स्वयं उसकी प्रसन्नता के समान, उसके अर्श (सिंहासन) के वज़न के समान तथा उसके शब्दों की स्याही के समान।)

जुवैरिया बिंत हारिस (रज़ियल्लाहु अन्हा) कहती हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने मुझसे फरमायः "मैंने तेरे (पास से जाने के) बाद चार ऐसे शब्द कहे हैं कि यदि उनको तुम्हारे आज के तमाम अज़कार से तोला जाए, तो वह तुम्हारे अज़कार से अधिक भारी साबित होंगे। (वह शब्द हैंः) "सुबहानल्लाहि व बिह़म्दिहि, अददा ख़ल्क़िहि, व रिज़ा नफ़्सिहि, व ज़िनता अर्शिहि, व मिदादा कलेमातिहि।" (अल्लाह की पाकी और प्रशंसा है उसकी सृष्टि के समान, स्वयं उसकी प्रसन्नता के समान, उसके अर्श (सिंहासन) के वज़न के समान तथा उसके शब्दों की स्याही के समान।)

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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सुबह तथा शाम के अज़कार