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जब कोई आदमी अपने घर वालों पर, नेकी व सवाब की उम्मीद रखते हुए खर्च करता है, तो यह उसके लिए सदक़ा होता है।
जब कोई आदमी अपने घर वालों पर, नेकी व सवाब की उम्मीद रखते हुए खर्च करता है, तो यह उसके लिए सदक़ा होता है।
अबू मसऊद रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "जब कोई आदमी अपने घर वालों पर, नेकी व सवाब की उम्मीद रखते हुए खर्च करता है, तो यह उसके लिए सदक़ा होता है।"
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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जब कोई व्यक्ति अपने घर के लोगों, जैसे पत्नी, माता-पिता और बच्चों आदि पर, जिनपर खर्च करना उसपर अनिवार्य है, अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए और सवाब की नीयत से खर्च करे, तो उसे सदक़े का सवाब मिलेगा।فوائد الحديث
परिवार पर खर्च करने का भी प्रतिफल मिलेगा।
मोमिन अपना हर काम अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने और उसके यहाँ सवाब हासिल करने के लिए करता है।
हर काम करते समय, जिसमें अपने परिवार पर खर्च करना भी शामिल है, दिल में अच्छी नीयत रखनी चाहिए।
التصنيفات
बाल-बच्चों आदि का खर्च