إعدادات العرض
1- उच्च एवं महान अल्लाह फ़रमाता है : ऐ आदम की संतान, व्यय करो, तुमपर व्यय किया जाएगा।
2- जब कोई आदमी अपने घर वालों पर, नेकी व सवाब की उम्मीद रखते हुए खर्च करता है, तो यह उसके लिए सदक़ा होता है।
3- तुम दुराचार के उसके धन में से उतना लो, जो तुम्हारे और तुम्हारे बच्चों के लिए काफ़ी हो।
4- ऊपर वाला हाथ नीचे वाले हाथ से बेहतर है। ऊपर वाला हाथ खर्च करने वाला हाथ है और नीचे वाला हाथ माँगने वाला हाथ है
5- ऐ अल्लाह के रसूल, यदि मैं अबू सलमा के बेटों पर खर्च करूँ, तो क्या मुझे उसका प्रतिफल मिलेगा, जबकि मैं उन्हें इस अवस्था में छोड़ भी नहीं सकती, क्योंकि वह मेरे बेटे ही हैं? तो फ़रमायाः "हाँ, तुम जो कुछ उनपर खर्च करोगी, तुम्हें उसका प्रतिफल मिलेगा।
6- वह दीनार जो तुमने अल्लाह के रास्ते में खर्च किया, वह दीनार जो तुमने किसी दास को मुक्त करने के लिए खर्च किया, वह दीनार जो तुमने किसी निर्धन को दान किया और वह दीनार जो तुमने बाल-बच्चों पर ख़र्च किया, उनमें सबसे अधिक नेकी वाला दीनार वह है, जिसे तुमने अपने परिवार पर खर्च किया।
7- मेरे वारिस न दीनार तक़सीम करेंगे, न दिरहम। जो कुछ मैं अपनी पत्नियों के ख़र्च और अपने लिये काम करने वाले (ख़लीफ़ा आदि ) के ख़र्च के बाद छोड़ूँ, वह सदक़ा है।
8- देने वाले का हाथ ऊपर होता है। आरंभ उससे करो जिसके ऊपर खर्च करना तुम्हारे ऊपर वाजिब है : तुम्हारी माता, तुम्हारे पिता, तुम्हारी बहन, तुम्हारे भाई, फिर सबसे निकट का संबंधी और उसके बाद सबसे निकट का संबंधी।
9- किसी व्यक्ति के पापी (गुनहगार) होने के लिए बस इतना काफी है कि वह किसी ऐसे व्यक्ति का राशन रोक ले, जिसका राशन उसके हाथ में है।
10- अपने पास कुछ माल जमा रखो, यह तुम्हारे हित में बेहतर है
11- उमर बिन ख़त्ताब -रज़ियल्लाहु अन्हु- ने सेनाओं के सेनापतियों के नाम उन लोगों के विषय में पत्र लिखकर आदेश जारी किया, जो अपनी पत्नियों से दूर रहते थे कि वे उन्हें उपस्थित करके कहें कि या तो (अपनी पत्नियों को) खर्च दें या उनको तलाक़ दे दें। फिर, यदि तलाक़ देते हैं तो जितने दिनों तक उन्हें अपने विवाह में रखा है, उतने दिनों का खर्च भेज दें।