إعدادات العرض
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर चालीस साल की उम्र में
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर चालीस साल की उम्र में
अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हुमा से वर्णित है, उन्होंने कहा: अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर चालीस साल की उम्र में वह्य उतरी। फिर आप तेरह साल तक मक्का में रहे। उसके बाद आपको हिजरत (पलायन) का आदेश हुआ तो आपने मदीना की तरफ हिजरत (पलायन) किया और आप वहाँ दस बरस रहे। इसके बाद आपने मृत्यु पाई।
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
الترجمة
عربي English မြန်မာ Svenska cs ગુજરાતી አማርኛ Yorùbá Nederlands اردو Español Bahasa Indonesia ئۇيغۇرچە বাংলা Türkçe Bosanski සිංහල Tiếng Việt Hausa മലയാളം తెలుగు Kiswahili ไทย پښتو অসমীয়া Shqip دری el bg ff it kn Кыргызча Lietuvių mg ro rw Soomaali Српски тоҷикӣ uz नेपालीالشرح
अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ियल्लाहु अनहुमा बता रहे हैं कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर जब पहली वह्य उतरी और आपको नबी बनाया गया, तो आपकी उम्र चालीस साल थी। पहली वह्य उतरने के बाद आप मक्का में तेरह साल रहे। फिर मदीने की ओर पलायन करके चले जाने का आदेश हुआ, तो आप मदीना चले गए और वहाँ दस साल रहे। फिर तिरसठ साल की उम्र में वफ़ात पाई।فوائد الحديث
सहाबा अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सीरत से खास दिलचस्पी रखते थे।